कुम्हारी के लिट्टी बाबा चौक में भी हुआ आयोजन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारे देवी-देवताओं से आशीर्वाद लेने का पर्व है। शुभ की कामना का पर्व है। अपनी गांव की मिट्टी को सम्मान देने का पर्व है। गोवंश की समृद्धि का पर्व है और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक अस्मिता का अनूठा पर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों के बीच इस अवसर पर आकर हर्षित हूँ। दीवाली का आनंद आप लोगों के बीच ही है। छत्तीसगढ़ में इतनी सुंदर परम्पराएं त्योहार के अवसर पर हैं कि इससे पर्व का सौभाग्य तो हासिल होता ही है। आपस में प्रेम भी बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गोवंश की समृद्धि का पर्व भी है। जिस गोधन से हमें इतना कुछ मिलता है। उसकी सेवा करने का, उसको सहेजने के संकल्प करने का पर्व है। अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर ग्रामीण बहुत उत्साहित हुए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इतने प्रेम से हमारे ग्रामीण उत्सवों में शामिल होते हैं। यह बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने अपना त्योहार हमारे साथ मनाने का निर्णय लिया, यह भी बहुत अच्छा लगा। जब ऐसे आयोजनों में मुख्यमंत्री हिस्सा लेते हैं तो नई पीढ़ी को भी एक सकारात्मक संदेश मिलता है कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेज कर रखें।