हाल ही में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2019 संपन्न हुआ। इस चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शरद पवार ने 56 सीटों पर, कांग्रेस ने 44 सीटों पर और शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की। किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हो पाने की वजह से महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन नहीं हो पाया था। जिसके बाद हालात को देखते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। बाद में एनसीपी नेता अजित पवार के समर्थन से देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार का गठन किया।
गूगलमहाराष्ट्र में बीजेपी सरकार का गठन होते ही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन ने इस मामले पर विरोध जताया। ऐसे में अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी पहुंच चुका है। अब कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने अपने विधायकों को एक साथ रखने के लिए उन्हें मुंबई के हयात होटल में इकट्ठा किया है। साथ ही सभी विधायकों को अपनी पार्टी के प्रति ईमानदार रहने की शपथ भी दिलाई गई है। इस दौरान वहां पर शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, बालासाहेब थोराट आदि मौजूद रहे।
गूगलअब महाराष्ट्र में बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों ने दमदार ऐलान करते हुए कहा कि,"मैं शपथ लेता हूं कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपनी पार्टी के प्रति ईमानदार रहूंगा। साथ ही मैं किसी भी चीज का लालच नहीं करूंगा और मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे भाजपा को फायदा हो।"
(सोर्स- इंडिया टीवी डॉट कॉम)