इस दिन ढाका में सैकड़ों विद्वानों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, कलाकारों, शिक्षकों और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों का नरसंहार किया गया था.
राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शहीद बुद्धिजीवियों को ढाका के मीरपुर में स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.