देश ने कल अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाया। दिल्ली के राजपथ पर एक बार फिर देश और दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधताकी झलक देखी। गणतंत्र दिवस के परंपरागत समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित थे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय समर स्मारक पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह का शुभारंभ अमर जवान ज्योति के बजाय राष्ट्रीय समर स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्रीय गान गाया गया तथा 21 तोपों की सलामी दी गई।
गणतंत्र दिवस परेड़ विजय चौक से प्रारंभ हुई और लालकिला मैदान की ओर आगे बढ़ी। परेड का नेतृत्व दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिंग परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री ने किया। भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति की रंग बिरंगी झलक राजपथ पर देखने को मिली।
वहीं पहली बार, सीआरपीएफ की महिला बाइकर्स की एक टुकड़ी ने, साहसी स्टंट का प्रदर्शन किया और दर्शकों ने भी तालिया बजाकर उनके शौर्य को सलाम किया। परेड में सोलह राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के अलावा छह केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां ने भाग लिया। इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की झांकियों में स्टार्ट अप इंडिया, जल जीवन मिशन और वित्तीय समावेश को प्रदर्शित किया गया।
जम्मू और कश्मीर ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के रूप में परेड में भाग लिया। इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण, सुखोई और अत्याधुनिक हल्के हैलीकॉप्टरों के साथ हाल में शामिल किए गए चिनूक तथा अपाचे हैलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा। 90 मिनट तक चले, इस परेड में उपग्रह रोधी हथियार- मिशन शक्ति और सेना का लड़ाकू टैंक भीष्म भी समारोह के मुख्य आकर्षक थे।
विभिन्न राज्यों से आए छह सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग और लोक-नृत्य प्रस्तुत किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ और फिर रंगविरंगे गुब्बारे छोड़े गए।