चक्रवात बुलबुल के आज रात पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच तटों से टकराने का अनुमान है। तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। राज्य सरकार अलर्ट पर है। इस बीच, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की कल बैठक बुलाई और बुलबुल से निपटने के लिए दोनों राज्यों में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की।
केंद्र सरकार ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल को भरोसा दिया है कि जरूरत पड़ने पर हर तरह की मदद उन्हें दी जाएगी। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे चक्रवात के अगले दो दिनों में बहुत गंभीर चक्रवात में तब्दील होकर पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और ओडिशा के तट के करीब से गुजरने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक बुलबुल रविवार तड़के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच तटों से टकराने का अनुमान है, जिसके चलते तटीय इलाकों में भारी बारिश और 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई गई है।
विभाग ने इसके मद्देनजर अलर्ट जारी करते हुए मछुआरों को तट पर लौटने और अगले आदेश तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। इस बीच शुक्रवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई और बुलबुल से निपटने के लिए दोनों राज्यों में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। केंद्र सरकार ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल को भरोसा दिया है कि जरूरत पड़ने पर हर तरह की मदद उन्हें दी जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार इस तूफान ने शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे बहुत गंभीर रूप ले लिया और शनिवार तक इसके और गंभीर होने की आशंका है। तूफान के कारण ओडि़शा के तटीय जिलों पुरी, जगतसिंहपुर और केन्द्रापाड़ा में बारिश हो रही है। एहतियात के तौर पर केन्द्रपाडा, पुरी, बालासोर, कटक, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और जगतसिंह पुर के स्कूलों को दो दिनों के लिये बंद कर दिया गया है ।
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने बुलबुल तूफान से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये हैं। तटीय जिलों उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना, पूर्वी और पश्चिमी मेदनीपुर में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए चेतावनी जारी की गई है। आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह सतर्क रखा गया है। हालात की निगरानी के लिए राज्य सचिवालय में विशेष नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।