पाकिस्तान ऊर्जा संकट की चपेट में आ सकता है. कराची पोर्ट ट्रस्ट के टर्मिनल ने काम करना बंद कर दिया है और इससे तेल आयात बुरी तरह से बाधित हुआ है.
पाकिस्तान की तेल कंपनी एडवाइजरी काउंसिल (OCAC) ने सरकार को चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान ऊर्जा संकट की चपेट में बुरी तरह से घिरने वाला है.
काउंसिल ने कहा है कि सरकार इसे लेकर तत्काल क़दम उठाए.
काउंसिल ने पाकिस्तान सरकार को इसे लेकर 10 पत्र लिखे हैं कि कराची पोर्ट ट्रस्ट के दो पोतघाटों को जितनी जल्दी हो सके ठीक किया जाए. हालांकि सरकार इस मामले में अब तक कुछ भी नहीं कर पाई है.
OCAC पाकिस्तान रिफ़ाइनरी कंपनियों की एक बॉडी है. इसका कहना है कि कराची ट्रस्ट पोर्ट का तटबंध-1 एक दिसंबर से ही बंद है और तटबंध-3 2018 से ही स्थगित है. कराची ट्रस्ट पोर्ट का तटबंध-2 ही काम कर रहा है और इसकी अधिकतम क्षमता 80 लाख टन ही ही है.
कराची पोर्ट के तटबंध-1 और दो से 2018-19 में पाकिस्तान के 65 फ़ीसदी पेट्रोलियम उत्पाद का आयात हुआ था. यहां से हर महीने इस अवधि में 23 तेल जहाज निकले. अब कराची पोर्ट का केवल दो तटबंध ही काम कर रहा है. ऐसे में तेल की आपूर्ति केवल इससे कायम रखना असंभव है.
OCAC ने कहा है, ”हम लोग पहले से ही पोर्ट पर ट्रैफिक से जूझ रहे हैं. छह तेलपोत तो पोर्ट के बाहर इंतज़ार कर रहे हैं. इसका नतीजा यह होगा कि आने वाले हफ़्तों में पेट्रोलियम उत्पाद की कमी का संकट खड़ा होगा. ऐसे में ऊर्जा संकट से मुल्क को बचाना बहुत कठिन होगा.”
-BBC
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