बोडो समझौते पर हस्ताक्षर होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पीएम मोदी आज कोकराझार में रहेंगे । पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार ने नए साल में पूर्वोत्तर क्षेत्र को दो अहम तोहफे दिए हैं । पहले ब्रू समझौता और फिर बोडो समझौता । दोनों ही समझौते पूर्वोत्तर में शांति के लिए बेहद अहम हैं । इन दोनों अहम समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर के दौरे पर पहुंच रहे हैं ।
असम सरकार राज्य की विविधता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेगी। स्थानीय समुदाय इस कार्यक्रम में प्रस्तुतियां देंगे । प्रधानमंत्री ऐतिहासिक बोडो समझौते के बारे में जनसमुदाय को संबोधित करेंगे। प्रमुख हितधारकों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा ।
कोकराझार में प्रधानमंत्री के आने से वहां के युवाओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। स्थानीय युवाओं ने पीएम तक स्वागत संदेश पहुंचाने के लिये बाइक रैली का भी आयोजन किया ।
गौरतलब है कि 27 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए गए । समझौते के दो दिन बाद ही एनडीएफबी के विभिन्न गुटों के 1615 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हो गए । समझौते के तहत विशेष विकास पैकेज से बोडो क्षेत्रों के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये की विशिष्ट परियोजनाएं शुरू की जायेंगी। असम के स्थानीय लोग भी इस समझौते से काफी खुश हैं ।
पूर्वोत्तर में शांति के लिए जरुरी ये बेहद अहम समझौता प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास विजन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इससे 5 दशक पुरानी बोडो समस्या का समाधान हुआ है। गणतंत्र दिवस की शाम मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने हिंसा के मार्ग पर चलने वाले सभी लोगों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान किया था। पूर्वोत्तर में शांति और विकास के एजेंडे पर नरेंद्र मोदी सरकार काम कर रही है और पीएम का दौरा भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है ।